चतुर खरगोश और शेर की कहानी Story Of The Clever Rabbit And The Lion
तो बच्चों आज हम चतुर खरगोश और शेर की कहानी Story Of The Clever Rabbit And The Lion पढ़ेंगे इस कहानी से आपको बहुत कुछ सीखने को मिलेगा तो कहानी को जरुर पढ़ियेगा
चतुर खरगोश और शेर की कहानी Story Of The Clever Rabbit And The Lion
किसी घने वन में एक बहुत बड़ा शेर रहता था वो रोज़ शिकार पर निकलता और एक ही नहीं दो ही नहीं कई कई जानवरों का काम तमाम कर देता जंगल के जानवर डरने लगे कि अगर शेर इसी तरह शिकार करता रहा तो एक दिन ऐसा आएगा कि जंगल में कोई भी जानवर नहीं बचेगा
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एक दिन जंगल के सारे जानवर इकट्ठा हुए और इस प्रश्न पर विचार करने लगे अंत में उन्होंने तय किया कि वे सब शेर के पास जाकर उनसे इस बारे में बात करें दूसरे दिन जानवरों का एक दल शेर के पास पहुंचा उनको अपनी ओर आते देख शेर घबरा गया और उसने गरज कर पूछा क्या बात है
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तुम सब यहाँ क्यों आ रहे हो महाराज हम आपके पास निवेदन करने आये हैं जब आप शिकार करने निकलते हैं तो बहुत सारे जानवर मार डालते है आप सबको खा भी नहीं पाते आप से हमारी विनती है कि आप अपने घर पर ही रहा करे हम हर रोज़ स्वयं आपके खाने के लिए एक जानवर भेज दिया करेंगे
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शेर को लगा कि जानवरों की बात में सच्चाई है उसने पलभर सोचा फिर बोला अच्छी बात है मैं तुम्हारे सुझाव को मान लेता हूँ लेकिन याद रखना अगर किसी भी दिन तुमने मेरे खाने के लिए पूरा भोजन नहीं भेजा तो मैं जीतने जानवर चाहूंगा मार डालूँगा उन्होंने शेर की शर्त मान ली
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और अपने अपने घर चले गए उस दिन से हर रोज़ शेर के खाने के लिए एक जानवर भेजा जाने लगा इसके लिए जंगल में रहने वाले सब जानवरों में से एक एक जानवर बारी बारी से चुना जाता था कुछ दिन बाद नन्ही खरगोश की बारी आ गई नन्हा खरगोश इतना छोटा था उतना ही चतुर भी था
उसने सोचा बेकार में शेर के हाथों मारना मूर्खता है अपनी जान बचाने का कोई ना कोई उपाय अवश्य करना चाहिए और हो सके तो ऐसी कोई तरकीब ढूंढनी चाहिए जिससे सभी को इस मुसीबत से सदा के लिए छुटकारा मिल जाए
आखिर उसने एक तरकीब सोच ही निकाली नन्हा खरगोश धीरे धीरे आराम से शेर के घर की ओर चल पड़ा जब वो शेर के पास पहुंचा तो बहुत देर हो चुकी थी भूख के मारे शेर का बुरा हाल हो रहा था जब उसने नन्हें से खरगोश को अपनी ओर आते देखा तो उससे से बौखला उठा और ग्रास कर बोला तुम्हे किसने भेजा है
एक तो नन्हे से हो दूसरे इतनी देर से आ रहे हो चिन बेवकूफ होने तुम्हें भेजा है मैं उन सब को ठीक करूँगा एक एक का काम तमाम ना किया तो मेरा नाम भी शेर नहीं नन्ही खरगोश ने आदर से झुक कर बोला महाराज अगर आप कृपा करके मेरी बात सुन ले तो मुझे यह और जानवरों को दोष नहीं देंगे
ये तो जानते थे की एक छोटा सा खरगोश आपके भोजन के लिए पूरा नहीं पड़ेगा इसलिए उन्होंने छे खरगोश भेजे थे लेकिन रास्ते में हमें एक और शेर मिल गया उसने पांच खरगोशों को मारकर खा लिया ये सुनते ही शेर दहाड़ कर बोला क्या कहा दूसरा शेर कौन है
तुमने उसे कहाँ देखा महाराज वो तो बहुत ही बड़ा शेर है वो तो मुझे भी मारने जा रहा था पर मैंने उससे कहा हम सब अपने महाराज के भोजन के लिए जा रहे थे लेकिन आपने उनका सारा खाना खा लिया है खरगोश की बात सुनकर शेर को बड़ा गुस्सा आया और वो बार बार गरजने लगा उसकी भयानक गरज से सारा जंगल दहलने लगा मुझे फौरन उस मुल्क का पता बताओ
जब तक मैं उसे जान से ना मार दूँ मुझे चैन नहीं मिलेगा इधर आइये महाराज इधर आइये खरगोश रास्ता दिखाता हुआ शेर को एक कुएं के पास ले गया महाराज वो दुष्ट शेर जमीन के नीचे किले में रहता है ज़रा सावधान रहिएगा किले में छुपा दुश्मन खतरनाक होता है
मैं उससे निपट लूँगा तो हम ये बताओ की वो है कहाँ यही यही बाहर खड़ा था लगता है आपको आता देखकर वो किले में घुस गया शेर ने कुएं के अंदर झांका तो उसे कुएं के पानी में अपनी परछाई दिखाई दीं कुएं के अंदर से आती हुई
अपनी ही दहाड़ने की गूंज सुनकर उसने समझा कि दूसरा शेर भी दहाड़ रहा दुश्मन को तुरंत मार डालने के इरादे से वो फौरन कुएं में कूद पड़ा और पानी भरा होने के कारण डूब कर मर गया
कहानी से सीख
शिक्षा घमंड नाश का कारण होता है हमें कभी घमंड नहीं करना चाहिए
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