चतुर लोमड़ी की कहानी - Chatur Lomdi Ki Kahani - Story Of The Clever Fox
तो हेलो दोस्तों आज मैं आपको चतुर लोमड़ी की कहानी - Chatur Lomdi Ki Kahani - Story Of The Clever Fox के बारे में बताऊंगा वो भी हिंदी में
चतुर लोमड़ी की कहानी - Chatur Lomdi Ki Kahani - Story Of The Clever Fox

एक बार एक घने जंगल में था एक शेर | शेर था बहुत भूखा और शिकार करने की हालत में नहीं था | शेर ने काफी कुछ दिनों से कुछ खाया नहीं | तो उसने सोचा कि आज तो कुछ ना कुछ खाना ही पड़ेगा | अपने गुफा से बाहर निकला शिकार करने | जब वो जंगल में ढूँढ रहा था | तब अचानक से उसको एक पेड़ के नीचे सोती हुई गाय नजर आयीं | शेर ने सोचा की ये अच्छा मौका है गाय को पकड़ने के लिए | धीरे से चोरी छुपे शेर गाय की ओर गया | पास पहुंचते ही गाय ने शेर की परछाई देख ली | और तुरंत वहाँ से अपने गायों के झुंड के पास भाग गई | जब शेर उन गायों के पास गया | तो देखा कि बहुत सारे साथ में थे | शेर अकेला था और उसे लगा कि वह शिकार नहीं कर पायेगा | अतः वो वापस चला गया | अगले दिन फिर से शेर शिकार पर निकला | पास मैं एक हिरण को देखकर उसका पीछा करने लगा | बहुत कोशीश की पर | इतना तेज़ भाग रही थी कि शेर उसे पकड़ नहीं पाया | थक के अंत में शेर ने हार मानली | शेर को बुरा लगा कि पूरे दिन में एक छोटा सा हिरण भी नहीं पकड़ पाया | पहले वह बड़े बड़े हिरणों का शिकार करता था पर अब शेर बहुत कमज़ोर हो गया | अगले दिन शेर | और भी कमजोर पड़ गया | उसने सोचा अगर आज के दिन कुछ नहीं खाया तो वो मर ही जाएगा | धुंढते धुंढते शेर को एक लोमड़ी की गुफा नजर आये | जब अंदर गया तो वहाँ लोमड़ी नहीं थी | शेर ने सोचा की अब जब तक वापस नहीं आ जाती तो उसकी | चुपके बेढेगा | थोड़ी देर बाद दूर से शेर को लोमड़ी की आने की आवाज सुनाई दि | शेर लोमड़ी को मारने के लिए तैयार हो रहा था | परंतु जब लोमड़ी वहाँ पर आई तो उसने शेर के पैरों के निशान देख ली | उसको अब पूरा यकीन नहीं था | की अब शेर अभी भी अंदर ही है या चला गया |
लोमड़ी : क्या कोई अंदर है | आज के लिए मुझे यहाँ रहना है | मैं इस जंगल में नहीं नहीं आई हूँ अगर कोई अंदर है तो बताइए | नहीं तो मैं चली जाऊँगी |
शेर ने सोचा | कि अगर वह जवाब देगा तो शायद लोमड़ी अंदर आ जाएगी नहीं तो वहाँ से चली जाएगी |
शेर : हाँ इधर मैं हूँ तुम भी यहाँ रह सकती हो आजाइये |
शेर की आवाज़ सुनकर | अब लोमड़ी को पता चल गया की वो अंदर ही है और वह तुरंत वहाँ से भागने लगी | इसी दौरान | शेर को लगा कि अगर ये लोग भी इस जंगल में नहीं आई है | तो भी वो उसको पकड़ पाएगा क्योंकि शेर को जंगल के सारे रास्ते पता थी | शेर गुफा से बाहर निकला और देखा कि लोमड़ी वहाँ से भाग रही थी | उसको समझ आया कि लोमड़ी ने उस पर चाल चली शेर सोचा |
शेर : अगर मैंने इसको नहीं पकड़ा | तो मेरे पास खाने के लिए कुछ नहीं रहेगा भूखा रहकर और भी कमज़ोर हो जाऊंगा |
बहुत मुश्किल से शेर लोमड़ी के पीछे भागने लगा | परंतु वो बहुत दुर्बल था और लोमड़ी बचके निकल गई | शेर ने चाल चलने की कोशीश की थी | उसने चतुराई दिखाना चाहा परंतु लोमड़ी की चालाकी ने उसे हरा दिया
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