436 लोगों को मारकर रचा इतिहास कहानी |The World Most Eating Man Tigress
436 लोगों को मारकर रचा इतिहास The World Most Eating Man Tigress
436 लोगों को मारकर रचा इतिहास : अगर आप जंगल में या किसी टाइगर रिज़र्व में टाइगर्स को देखने के लिए जाते हो और आपको टाइगर दिख जाता है तो ये मत सोचिए की आपको टाइगर आसानी से दिख गया दरअसल जीस टाइगर को आप देखते हो वो टाइगर खुद चाहता है कि आप उसे देखे यानी टाइगर इंसानों के सामने
तभी आता है जब वो चाहता है कुछ दिन पहले ऐमज़ॉन प्राइम पर एक फ़िल्म रिलीज हुई उस फ़िल्म का नाम है शेरनी उस फ़िल्म में वन विभाग का कर्मचारी एक डाइअलॉग बोलता है जब कोई इंसान किसी जंगल में टाइगर को देखने के लिए सौ बार जाता है तो हो चाहे उस इंसान को टाइगर एक बार दिख
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जाए पर एक बात तय है कि नाइंटी नाइन बार टाइगर ने उस इंसान को देख लिया है टाइगर की इन खूबियों को बताने के पीछे का जो कारण है वो ये है की इन खूबियों का इस्तेमाल एक आदमखोर टाइगर बखूबी करता है और तब जब वन विभाग की पूरी टीम उसे पकड़ने के लिए जुट जाती है ऐसे
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मामलों में गवर्नमेंट के करोड़ों रुपये खर्च हो जाते हैं वन विभाग के कर्मचारी उसे पकड़ने के लिए दिन महीने गुजार देते हैं इसके बावजूद भी एक आदमखोर टाइगर पकड़ में नहीं आता और और अगर पकड़ में आ भी जाता है तो तब तक वो टाइगर काफी सारे लोगों का काम तमाम कर चुका
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रहता है एक आदमखोर टाइगर बनने के पीछे कई सारे कारण हो सकते हैं अक्सर आपने इस बात पर नोटिस किया होगा जब किसी इंसान के सामने कोई ऐसा जीवा जाता है जिसे उसने कभी देखा ही ना हो तो वैसे सिचुएशन में अगर जीव छोटा या कम ताकतवर रहा तो इंसान उसे मार देता है
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और अगर वही जीव बड़ा रहा तो इंसान उसे देखकर भाग जाता है कोई भी इंसान ऐसा इसलिए करता है क्योंकि उसे लगता है कि उस जीव से उसे खतरा हो सकता है ठीक ऐसे ही टाइगर भी करता है फर्क सिर्फ इतना है की इंसान केवल एक बार मारता है और टाइगर एक बार मारने के बाद बार
बार मारता है और ऐसे ही बार बार लगातार मार मार कर एक चम्पावत नाम की टाइगर्स ने चार सौ छत्तीस लोगों को मार डाला कैसे मारा और क्यों मारा इस आर्टिकल मेंआपको मिल जायेगा नमस्कार दोस्तों मेरा नाम है Harpal और स्वागत हैं मेरी "Harpal K Storys" Website में एक
आदमखोर टाइगर कितना खतरनाक होता है आप इस बात से अंदाजा लगा सकते हैं कि उसे पकड़ने या मारने के लिए नेपाल की सरकार ने उस टाइगर के पीछे आर्मी लगा दी उस टाइगर ने नेपाल में लगभग दो सौ लोगों को मारकर जो आतंक मचाया था उस आतंक को देखकर वहाँ की सरकार
के पास और कोई ऑप्शन नहीं बचा था और मजबूरन उस टाइगर को मारने के लिए आर्मी वालों को बुलाना पड़ा इतिहास में ऐसा पहली बार हुआ जब किसी आदमखोर टाइगर को मारने के लिए आर्मी वालों को बुलाना पड़ा पर अफसोस की आर्मी वाले भी उस टाइगर का कुछ बिगाड़
नहीं पाए पर उस टाइगर ने आर्मी वालों का बहुत कुछ बिगाड़ दिया था इससे पहले की उस आदमखोर टाइगर के हाथों आर्मी के और जवान मारे जाते आर्मी वालों ने उस टाइगर से बचने के लिए एक संगठन बनाया और उसे उसकी टेरिटोरी छोड़ने पर मजबूर कर दिया यानी आर्मी के
जवानों ने उस टाइगर को सारदा नदी के किनारे तक भगा दिया इस नदी का आधा हिस्सा नेपाल में है और आधा हिस्सा इंडिया में है शारदा नदी तक पहुंचने का मतलब है की वो टाइगर इन्डिया में अपने कदम रख चुकी थी नेपाल में उस टाइगर ने अब तक जो कुछ भी किया वो एक ट्रेलर था
असली पिक्चर तो इंडिया में आने के बाद शुरू होती है नेपाल से निकल जाने के बाद उस आदमखोर टाइगर ने उत्तराखंड के कुमाऊं जिले में आतंक मचाना शुरू कर दिया इस टाइगर के हमले से मरने वालों में सबसे ज्यादा गिनती औरतों और बच्चों की थी इसके पीछे यह कारण है कि घर
के पालतू जानवरों के लिए चारा लाना और घर में खाना पकाने के लिए लकड़ियां इकट्ठा करने का काम ज्यादातर बच्चे और औरतें ही करते हैं इसीलिए उस आदमखोर टाइगर को रात का इंतजार नहीं करना पड़ता था और वो टाइगर दिनदहाड़े लोगों को मारकर अपना निवाला बनाने
लगी थी लेकिन दिन की रौशनी में भी उस टाइगर को पकड़ पाना इतना आसान नहीं था कुछ लोग तो ये तक मानने लगे थे कि चम्पावत गांव में किसी चुड़ैल का साया पड़ गया है जो लोगों के खून की प्यासी है लेकिन उन लोगों की जान का दुश्मन कोई भूत नहीं बल्कि एक आदमखोर बाघिन थी
जिसने नेपाल में दो सौ लोगों को मारने के बाद अब हिंदुस्तान में दो सौ छत्तीस लोगों को मारकर पूरे कुमाऊं जिले में आतंक मचा कर रखा था टाइगर ने लोगों के दिलों में इतना डर पैदा कर दिया कि उस टाइगर के जीस भी इलाके में होने की खबर मीलती थी वो इलाका पूरा सुनसान
हो जाता था फाइनली उस टाइगर को मारने के लिए उस समय के सबसे मशहूर शिकारी है जिम कॉर्बेट को सामने आना पड़ा इससे टाइगर को मारने के लिए जिम कॉर्बेट ने कई प्लैन बनाया है लेकिन हर बार वो टाइगर जिम कॉर्बेट को यह याद दिलाती थी कि यह जंगल उसका है और इस जंगल में राज़ भी उसी का चलता है उस आदमखोर टाइगर
ने आखिरी शिकार एक सोलह साल की लड़की का किया जो कि जंगल में लकड़ियां इकट्ठा करने गई थी जिम कॉर्बेट को इस घटना की सूचना मिलते ही उसने तुरंत और एक प्लैन बनाया और जीस लोकेशन से उसे टाइगर ने लड़की को उठाकर ले गई थी वहाँ से काँर्बेट ने खून के धब्बों का पीछा करना शुरू कर दिया बाघिन अपने शिकार को जंगल
में काफी अंदर तक ले गई थी और काँर्बेट लाश के घसीटे जाने के निशानों का पीछा करते करते टाइगर के काफी करीब पहुँच गया उस टाइगर को मार पाना कोई आसान काम नहीं था कॉर्बेट टाइगर के करीब तो पहुँच गया लेकिन उसे टाइगर ने कॉर्बेट पर ही हमला कर दिया दो गोलियां चलाने के बाद किसी तरह जिम कॉर्बेट को भागने का मौका
मिल गया अगले दिन सुबह जिम कॉर्बेट ने चंपावत के तहसीलदार और गांव के तमाम लोगों की मदद से फाइनली उस आदमखोर टाइगर को मार गिराया गवर्नमेंट के आंकड़ों के मुताबिक उस टाइगर ने 436 लोगों को मारा था पर ऐसा
माना जाता है कि उस टाइगर ने पांच सौ से भी ज्यादा लोगों को मारा था टाइगर के हमलों में अब तक सबसे ज्यादा इंसानों की जान लेने वाली इस बंगाल टाइगर इसका नाम गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड में दर्ज किया गया है
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